credit: anonymus/अज्ञात
हिम्मत इतनी थी की समुंदर भी पार कर सकते थे,मजबूर इतने हूए की दो बूँद आँसूओ ने डूबो दिया हमें।
तारीख गवाह हैं जिन्हें अखबारों में बने रहने का शोक रहा हैं,वक़्त बीतने के साथ वो रद्दी के भाव बिक गए।
थोड़ा डूबूँगा थोड़ा टूटँगा लेकिन फिर लौट आऊँगा,ए ज़िंदगी तू देख मैं फिर जीत जाऊँगा।
दूर होकर भी कैसे दूर करें तुम्हें,क्योकि हर पल महसूस जो करते है तुम्हें।
ये गंदगी तो महल वालो ने फैलाई है “साहिब”,वरना गरीब तो सङको से थैलीयाँ तक उठा लेते है।
वो लड़की भी बहुत अजीब थी,वो ज़िन्दगी बदलकर खुद भी बदल गयी।
ऐ आईने तेरी भी हालत अजीब है,मेरे दिल की तरह तुझे भी बदल देते है यह लोग तोड़ने के बाद।
किसी ने सच कहा था तन्हाई में जीना सीख लो,मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है।
बहुत मुश्किल होता है,हँसकर दर्द बर्दाश्त करना।
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है,एक नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है।
वक़्त ने फंसाया है पर परेशान नहीं हू,हालातों से हार जाऊ में वो इन्सान नहीं हू।
जीवन मे कभी भी किसी को बेकार ना समझे,क्योंकि बन्द पडी घड़ी भी दिन में दो बार सही टाइम बताती हैं।
अल्फाजों के दीवाने तो बहुत मिलेंगे मेरे दोस्त,पर तलाश उसकी करना जो खामोशी पढ़ ले।
अगर कमाना ही है तो इंसानियत और दोस्त कमाओ,पैसे तो भिखारी भी कमाते हैं।
जिसकी गारंटी नहीं उसका नाम जिंदगी हैं,और जिस बात की गारंटी है उस का नाम मौत हैं।
मरने की बाढ़ की गई तारीफऔर दिल दुखाने के बाढ़ मागी हुई,माफी दोनों का कभी महत्व नहीं होता हैं।
पहचान छोटी ही सही पर,खुदके दमपर होना चाहिए।
उन अकलमंदो से दूरी ही रखना,जो हमे बेवक़ूफ़ समझते हैं।
Life में वो मुक़ाम हासिल करो जहां लोग, आप को Block नहीं Search करें।
हम चेहरे से सुंदर नहीं पर दिल की साफ है,तभी तो हम बहुत कम लोगों के खास हैं।
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